आप एक तो देर से आईं और तिस पर भी दुरुस्त नहीं हो पाईं। सबसे पहले मैम, आपका शुक्रिया कि आपने 'हार्मोन आउटबर्स्ट' की जानकारी दी। वरना तो हमें पता ही नहीं था कि शारीरिक विज्ञान आख़िर है कौन सी चिड़िया का नाम! है न मैम! आप जानवरों को प्यार करती हैं इसलिए आप शाकाहार और मांसाहार में आसानी से बच गईं। लेकिन आप तीन बिदुओं में नप गईं, पहला ' दो जेंटलमैन बिहारी गार्ड और दूसरा 'हार्मोन समीकरण' और तीसरा 'लक्ष्मण रेखा।'
मैम आप कैसे किसी प्रदेश के व्यक्तियों को ऐसी निगाह से देख सकती हैं? हालांकि आपने जेंटलमैन शब्द जोड़ लिया फिर भी आप बच नहीं पाईं यह बताने से कि आप एक प्रदेश के लोगों के बारे में क्या सोचती हैं? मैम, क्या आपके पास डेटा-वेटा है कि उसी प्रदेश विशेष के लोग सुरक्षा देने का काम करते हैं? होगा तभी आप बोल रही हैं? मैम, आप भारत के लोगों को इस निगाह से देखती हैं जबकि भारत को देखने के तमाम तरह के फ़लक हैं! जब जस्टिस काटजू उस प्रदेश के लोगों पर जोक बनाते हैं तब मुझे लगता है आपको बहुत हंसी आती होगी। मैम मुझे अच्छा नहीं लग रहा कि महिला दिवस पर आपके बारे में मैं यह सोच रही हूँ। मैं भी कुछ सालों बाद आपकी उम्र में आऊँगी और क्या यही सोच रखूंगी यही सोच रही हूँ।
डियर मैम, पानी फेरने टाइप-वाइप का काम कर दिया आपने। कहाँ कि जुनून छिन कर लाये थे...अपने हकों की...और आप तो हमारी बीरादरिन बहन होकर अपने ही लोटे में छेद का के बैठ गईं। उफ़्फ़!!! मैं और आप भी 16 या 17 बरस की उम्र से गुज़रे थे। हमने और आपने किसी पर अपना आउटबर्स्ट नहीं मारा...उफ़्फ़ !...फिर आपको कैसे लगा कि ई हर्मोनवा गड़बड़ हो जाता है। मैम, आपके और मेरी तमाम पूर्वज औरतों के न बाहर निकलने से गुलज़ार अंकल बतूता पर गाना लिख बैठ गए। सोचो वो औरतें जो इतिहास में गुमनामी की सांसें ले रही हैं, वो बाहर निकली होतीं तो क्या ग़ज़ब का देश होता अपना!...अगर औरतें घर से बाहर निकलीं होतीं तो वो भी इब्न बतूता से कम नहीं होतीं। मैंने तो अपना एक नाम कुछ दिन पहले ही इबनी बतूती रखने या फिर चीनी यात्री या फिर वास्को डिगामी रखने का मन बनाया था। लेकिन आप तो कह रही हैं लक्ष्मण रेखा ही खींच दो। मन करता है अपना माथा ही धून लूँ। मैम, पीछे की तरफ़ क्यों धक्का दे रही हैं? हमको यह तरक-वरक समझ में नहीं आ रहा। हम आपसे डिस-गरी (disagree) होते हैं।
मन तो बहुत है लिखने का लेकिन अभी आप ज़रा ख़ुद ही सोचिए कि आप क्या बोल गईं ! चलिये, गले लगिए। महिला दिवस की बधाई आपको।
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