Wednesday, 21 March 2018
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21 बरस की बाली उमर को सलाम, लेकिन
दो साल पहले प्रथम वर्ष में पढ़ने वाली लड़की से मेरी बातचीत बस में सफ़र के दौरान शुरू हुई थी। शाम को काम से थकी हारी वह मुझे बस स्टॉप पर मिल...
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जब मैं छठी कक्षा या उसके आसपास थी तब बड़े शौक से डिस्कवरी चैनल पर आने वाले दो कार्यक्रम देखा करती थी। नियमित और नियम के साथ। कार्यक्रम वाकई ...
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फ़िल्म 'हिन्दी मीडियम' उस खुरदरी और असली सतह को नहीं छू पाई जिसे छूना चाहिए था। माध्यम की समस्या की लोकप्रियता को यह फिल्म सिर्फ केश...
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चार्ली की फिल्में तमाम दुखों के बाद भी जीने की एक वजह के साथ हमारे सामने उपस्थित होती हैं. उनके यहाँ जीवन के कटु सत्य हैं उसके बाद भी जीवन म...
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