Wednesday, 5 October 2016

मैसेजों की दुनिया और हम

मेरे पास भी एक मोबाइल फोन है। पिछले बरस ही भाई ने जन्मदिन पर सौगात दी थी। उसने कहा कि अपनी उम्र की तरह फोन भी रखो। क्या बटन टिपटिपाती रहती हो। बस फिर क्या था। फ्लिपकार्ट से ऑर्डर हुआ और दो दिन में मेरे पास एक 'टच' फोन हाजिर था। उसमें दो नंबर हैं। दोनों ही ठीक से काम करते हैं यानि नंबर 'चालू' हैं। दोनों नंबर पर अलग अलग कंपनियाँ मुझे अपनी बेशकीमती सेवा दे रही हैं। फोन अच्छी तरह से काम करता है। आड़े-टेढ़े वक़्त काफी मदद भी करता है।

फोन पर बहुत बातें नहीं होतीं। लेकिन फेसबुक और चैटिंग एप से दोस्तों से जुड़ी रहती हूँ। एक नंबर पर किसी भी तरह की कॉल नहीं आतीं। लेकिन दूसरे नंबर पर दिन में कम से कम छ बार फोन आ जाते हैं। ये फोन रिंगटोन आदि की सेटिंग करवाने के लिए आते हैं। अभी ब्लॉग लिखते वक़्त भी आ गई। मुझसे ज़्यादा घर के लोगों को इस तरह के फोन कॉल्स से दिक्कत होती है। कई बार मुझे ये सुझाव दिये गए कि मैं DND सेवा का इस्तेमाल क्यों नहीं कर लेती। लेकिन मेरी मासूम दलील यह होती है कि फिर मुझे नए दिये जाने वाले ऑफर्स का पता नहीं चलेगा।

इंटरनेट का नशा नाम की भी कोई चीज होती है। नशे में जेब का खयाल रखना भी जीने की ऐतिहासिक कला है। सो, मैंने DND वाले विकल्प को सिरे से खारिज कर दिया। मैं आजकल इन्हीं अनचाहे फोन कॉल्स और संदेशों के साथ रहती हूँ। कहीं भी और कभी भी ये कंपनी वाले मेरे लिए कितने बेहतरीन गाने और ऑफर तैयार कर सेकंडों में भेज देते हैं। गज़ब हैं ये लोग।

पहले मैंने इन पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन एक रोज़ अचानक एक मैसेज से ध्यान गया। बड़ा ही हसीन मैसेज था। एक  दिन यह मैसेज आया- "क्या आपके दिन ठीक नहीं चल रहे? इसके पीछे ग्रहों का हाथ हो सकता है, अभी कॉल करें और जाने पंडित जी से सुझाव...कॉल..." मैं मैसेज देखकर हैरान हो गई कि इतनी बड़ी कंपनी मुझे अंधविश्वास थमा रही है या फिर बेच रही है या फिर वे खुद अंधविश्वास के शिकार हो रखें हैं। मैंने यह मैसेज अपनी माँ साहेब को पढ़कर सुनाया। वो तुरंत बोलीं, "कंपनी में बहुत अंतर्यामी लोग होंगे जरूर!"

 देश में जहां फैले हुए अंधविश्वास को खत्म करने में कई महान लोग अपनी जान गंवा रहे हैं तो वहीं ये कंपनियाँ मुफ्त में बिना किसी डर के अंधविश्वास का प्रसाद बाँट रही हैं। इतना ही नहीं इन कंपनियों ने आदम जात के लालच को भी गौर से पढ़ा और जाना है। इसलिए जब तब 'ईनाम' या फिर 'शानदार ऑफर' के लालच का टुकड़ा दिखते रहते हैं। बल्कि साधारण सी बात यह है कि जब तक मेहनत नहीं होगी तब तक आप एक सिक्का भी नहीं अर्जित कर सकते। ग्रह तो आसमान में अपनी जगह घूमते हैं। उन्हें इतनी फुर्सत कहाँ कि पृथ्वी में रहने वालों की दशा बिगाड़ें।

एक दफा यह मैसेज भी आया जिसे पढ़कर मुझे शर्म भी आ गई - "कीजिये दिल की बातें बिना अपना नंबर बताए ...कॉल ..." इस मैसेज से यह खयाल आया कि ये कंपनियाँ अपने ग्राहकों के साथ साथ आसपास के माहौल की भी कितनी 'क्लोज़ रीडिंग' करती हैं। इन्हें अपने मरीज की हर नब्ज़ की बारीक जानकारी है। लेकिन मरीज बेखबर यही सोचता है कि वह तो अदना सा उपभोक्ता है।

दो दिन से एक मैसेज लगातार आ रहा है वो भी अंग्रेज़ी में- "Get your body shape back! 50% OFF on all plans..." इस तरह के संदेशों को पढ़कर यही लगता है कि शरीर की खूबसूरती ही मायने रखती है। खूबसूरत मन की इस दुनिया को कोई ज़रूरत नहीं। चाहे आप मन और इंसानियत की खूबसूरती पर ढेरों किताबें लिखकर जमा कर दें फिर भी खूबसूरत होने के पैमाने पर शरीर को जबर्दस्ती बिठाया जाएगा।

कुछ दिनों दिल्ली शहर बहुत बीमार पड़ गया था। इसके चलते सरकार को कई तरीके आज़माने पड़े। उनमें से एक मैसेज भेजने का तरीका खास था। मुझे यह अच्छा लगा। कम से कम इस तरह के सकारात्मक संदेशों से एक खयाल दिमाग में गया कि फलां बीमारी से घबराने की ज़रूरत नहीं। इसी तरह मेरे पास कई और बेहतरीन संदेश आते हैं। कुछ त्योहारों के मौके पर आते हैं। कभी कभी कुछ खुशी वाले मैसेज तो गुदगुदी ही कर जाते हैं। जैसे कहीं अच्छी जगह आपको चुन लिए जाने वाले।

पिछले साल की ही बात है। मैं वाट्स एप इस्तेमाल नहीं करती थी और न ही फेसबुक पर बहुत सक्रिय थी। उस दौरान मैं इन्हीं 'टेक्स्ट मैसेज' से बातें किया करती थी। यह बहुत बेहतरीन अनुभव था। लेकिन इससे भी बेहतरीन किसी को चिट्ठी लिखना है। अपनी बहनों को यदा कदा चिट्ठी लिखने का पागलपन आजमा लेती हूँ। लेकिन आजकल यह सब भी छूट गया है। तकनीक के जमाने में पीछे छूट जाने का खौफ भी रहता है। लेकिन आदम और हौवा वाली आदतें नहीं छोड़ पाती। अकेलापन शौक से बदलकर तनाव न बन जाये सो दोस्तों के 'टच' में रहती ही हूँ। बातें भी तो ज़रूरी हैं।

वापस मुद्दे पर आते हैं। मैं अभी DND के पक्ष में अपने दिमाग को नहीं ले जा पाई हूँ। मैं होशियार बनने की कोशिश कर रही हूँ कि कैसे इनके झांसे में न आऊँ। आगे मैं इन कंपनियों के मैसेज की आउर भी क्लोज़ रीडिंग करने वाली हूँ, ताकि ऐसी पोस्ट अपने लिए और सभी के लिए लिख पाऊँ। तब तक होशियार रहिए।

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