Friday, 2 September 2016

ताला परंपरा


प्रतिबंध, क़ीमती, हिफाज़त, सीमा, आदि ताले के साथ चिपके हुए शब्द हैं- सफदरजंग मकबरे से एक chit
ताले लगाने की परंपरा में सुरक्षा जैसा शब्द जबर्दस्ती चिपकाया जाता है। कई बार इसी खयाल के झोंकें आते हैं कि साज़ों सामान की हिफाजत के लिए तालों का उत्पादन शुरू किया गया होगा। अमीर के पास ही अकूत संपत्ति होती है। (यहाँ लछमी माँ से शिकायत की जा सकती है।) उसे 24 घंटे संपत्ति के चोरी हो जाने का भय होता है इसलिए वह उसे बचाने के खयाल से हरिसन ताले लगाता है। इस मामले में जगह महत्वपूर्ण हो जाती है। यह तय करता है कि आप कौन सी जगह पर खड़े हैं। अगर आप ताले लगे दरवाजे के सामने खड़े हैं तो आप या तो चोर हैं या फिर मालिक। लेकिन यही  स्थिति तब बदल जाएगी जब आप ताले लगे दरवाजे वाले कमरे के अंदर होंगे। तब आप कैदी होंगे या फिर पक्का एक लड़की, जिसको बाहर घूमते हुए लोगों से खतरा होगा।
यह बात अलग है कि बाज़ार और उसके रूप ने ताले की छवि को काफी बदला भी है। 'कौन बनेगा करोड़पति' जैसे गेम शो ने 'लॉक किया' जाये प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया। ताले को देखने और सोचने का नज़रिया पूरा बदल दिया। 'लॉक किया' जाये में जवाब को लॉक किया गया साथ ही उसमें रुपये भी रखे गए। इसी के चलते कईयों की ज़िंदगी बदल गई तो 'स्लमडॉग मिलियनायर' बन गया और भारत के नाम 'ऑस्कर' आ गया। 
मेरे  मोहल्ले में लोग घरों से बाहर जाते हुए ताला लटका जाते हैं। एक शख्स ऐसा भी है जो केवल कुंडी लगाकर काम पर चला जाता है। उसे कई बार उसके मकानमालिक ने चेतावनी दी है कि चोरी हो सकती है। तब वह मुस्कुरा कर एक ही बात जवाब में उनके पास रखकर चला जाता है- 'अंकल जी, कमरे में है क्या जो चोरी होगा!' उसे सब लोग बहुत हैरानी से देखते हैं। मैं भी हैरान ही हो जाती हूँ।

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