Sunday, 11 September 2016

इश्क़ वाला इतिहास और मकबरा

पिछली सर्दियाँ मुझे भुलाए नहीं भूलतीं। मौसम जैसा साथी किसी का भला क्या होगा। घर में बंद रहने वाली चिड़िया ने जब मौसम नाम के अदरक को चखा तो वो नशा छाया कि दिमाग से जाता नहीं। चली गई थी ऐसे ही अकेले। कुतुबमीनार देखा तो सच्चा बंदा आशिक का सा खयाल आने लगा। देर तक देखा। घूरा भी। वहीं से चाहत सही मायनों में समझी। (शुक्र है कि इंसान से नहीं हुई)। अब भी कई बार ऐसे ही मुंह उठाकर बेहया होकर चली जाती हूँ, अपने आशिक को देखने।

खोजबीन से पता चला कि पास ही में महरौली के बाकी उजाड़- सुजाड़ क़िले भी रहते हैं। क़िले क्या जनाब मकबरे कहूँ तो ज़्यादा सही होगा। सरकार ने काफी सही से संभाल कर रखा है।




                            https://en.wikipedia.org/wiki/Jamali_Kamali_Mosque_and_Tomb


'मुफ्त में यहाँ रोशनियाँ बिखरी हैं'- मुझे तो यही पंक्ति इन मकबरों को देखकर उस समय याद आई थी। आपको चलने की भी जरूरत नहीं मालूम पड़ेगी। पैर खुद ब खुद चल पड़ेंगे। मेरे तो ऐसे ही चल पड़ते हैं। दोनों तस्वीरें जमाली कमाली के मकबरे की हैं। मुझे इनकी बेहद कम जानकारी है। एक दफा अच्छे 'मुहरत' में मुझे एक पुरातत्व विभाग के सज्जन टकरा गए थे। उन्हों बताया कि ये दोनों भाई गीतकार थे। बगल में ही एक बहुत बड़ा आँगन है। उसके कुछ हिस्से में अलग से सफ़ेद दीवार हैं। वहाँ रहने वाले वर्दीधारी से पूछा तो उसने मुस्कुराते हुए बताया- अरे,... तुम नहीं जानती! यह महफिलगार है। यहीं इसी जगह पर महफिल लगा करती थीं। दोनों खूब गाते थे। और दूसरी पल्ली तरफ इनकी माशूकाएँ और बाकी सुनने वाली औरतें बैठा करती थीं।

मुग़ल काल के शुरुआत से जरा पहले ही यह मकबरे बन गए थे। इनमें लाल पत्थर में अकबर वाले लाल पत्थर की सी शक्ति का आभास यहाँ नहीं होता। निर्माण में इस्तेमाल हुए पत्थरों में गुलाबी सी रंगत है। सफ़ेद संगमरमर पत्थरों का इस्तेमाल दोनों को ही 'सूफी' शब्द से जोड़ता है।

इस जगह पर जाकर सच में एक प्रेम वाली सूफियाना महक का अहसास होता है। ऐसा लगता है कि शायद कोई इश्क़ वाला अहसास वहाँ अब भी रहता है। जब बड़ा आँगन देखो तो लगता है गुजरी रात महफिल लगी थी। इसलिए दिन में सब आराम कर रहे हैं। रात आएगी तब फिर महफ़िल लगेगी।

(मैं इन ऐतिहासिक इमारतों-मकबरों से मिले भाव ही साझा कर सकती हूँ। वास्तविक जानकारी तो कोई इतिहासकार ही बता सकता है- मेरा भरोसा न करें)

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